औरंगजेब का मराठो से संघर्ष
मुगलो के साथ शिवाज का पहला संघर्ष 1656ई ०मे तब आरम्भ हुआ जब शिवाजी ने अहमदनगर और जुन्नार के किले पर आक्रमण किया। औरंगजेब ने 1660ई ० मे दक्षिण के मुगल सूबेदार शेस्तता खाँ को शिबाजी पर आक्रमण करने के लिए भेजा। शाएस्त खाँ पूना शिव पुर पर आक्रमण करने की लियाँ और चाकन् आदि किलो पर अधिकार कर लिया 1663ई ० मे शिवाजी ने पूना स्थित शाइसत खाँ के महल पर रात मे चुपक् से आक्रमण करदिया।
शाइस्ता खाँ बड़ी मुशिकल से अपनी से अपनी जान बचकर भागा किंतु उसका एक अगूठा कट गया औरंगजेब ने 1665ई ० जयसिंह को शिवाजी के विरुद्ध भेजा जयसिंह ने उसे पराजित कर 22जून 1665ई ०को पुरेन्दर् की संधि करने के लिया विवश कर दिया। पुरेन्दर् की संधि के फलस्वरूप शिवाजी को अपने चार लाख हूँ बाले 23किले मुगलो को सोपने पड़े तथा बीजापुर के खिलाफ मुगलो की सहायता करने का वचपन देना पड़ा।
पुरंदेर की संधि
पुरेन्दर् की संधि की शर्तो के तहत शंभा जी मुगल दरबार मे पंचहजरी मंसब देना, उचित जागीर देना, तथा शिबाजी का मुगल दरबार मे उपस्थित होना था। 22 मई 1666 ई ०को शिवाजी आगरा के किले मे दिवाने आम मे उपस्थित हुआ। यही पर शिवाजी को कैद कर जयपुर भवन मे उपस्थित हुआ। यही पर शिवाजी को कैद कर जयपुर भवन मे रखा गया। जहाँ से वे गुप्त रूप से फरार हो गए। शिवाजी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र शम्भजी से युद्ध जारी रहा था। किंतु असावधानी के कारण 1689 ई ० मे अपने मंत्री कवि कलश के साथ पकड़ा गया और 21मार्च 1689ई ०मे शंभा जी का कतला कर दिया। 1690 ई ० तक मुगलो समरजय अपने चर्मोत्काश पर था जो कबूल से लेकर चरगाव और कश्मीर सेलेकर कावेरी नदी तक फैला था। शंभाजी जी की मृत्यु के बाद उसके चची चचेर भाग के साथयुद्ध करने को तैयार है जो मरठा इतिहास मे संग्राम के नाम से विख्यात है। कहा जाता है की जिस प्रकार स्पेन के नासूर ने नैपोलियन को नस्तनाबुद कर दिया उसे प्रकादक्कन कर दिया उस प्रकर दक्कन के नासूर ने औरंगजेब को नेस्तनाबूद कर दिया
धार्मिक नीति
औरंगजेब एक कटर रुदिवादी सुन मुसलमान था।इस्लाम के महत्व के समझते हुए कुरान को अपना शाशन का आधार बनाया। 1559 मे औरंगजेब प्रमुख ले कुरान के नियमो ले अनुर्रोध कुरान के नियमो के अनुरूप इस्लामी आचरण सहिता के नियमो की पंरस्थापन के लिए अनेक अधुआदेश प्रसारित किया औरंगजेब एसलीम कानूनों को अकेरष् मनाने के कारण अपनी कट्टर सुन्नी प्रजा के लिए जिंदा पीर तथा अपने सादे रहन सहन रोज और समाज नमाज का नियमित रूप से पालन करने तथा जीवन भी शराब न पीने के कारण शाही डेवशो के रूप मे भी जाना जाता है